एक दिन आया संशय मन के भीतर, कौन है मित्र मनुष्य जीवन के अंदर, धन है मानव का मित्र? जिसके लिए बिगड़ा मनुष्य का चरित्र, धन के लिए ही मनुष्य मर रहा, धन के लिए ही जीवन में पाप कर रहा, चोरी करके अपने घर में है धन भरता, धन के लिए ही दूसरों का जीवन है नष्ट करता, धन नहीं हो सकता मनुष्य का मित्र, क्योंकि बिगाड़ा है इसने ही मनुष्य का चरित्र | तो मनुष्य का मित्र है विज्ञान? विज्ञान के लिए ही मनुष्य तो कितना है महान, विज्ञान ही तो मनुष्य की उन्नति का है कारण,...
अजब दौर की गजब है कहानी, आज आ गया बुढ़ापा कल थी जवानी, हर इंसान की जिंदगी की यही है कहानी! जिंदगी भर जिसे जरूरत ना हो किसी की, वो टाँगे अब सहारा लगी है मांगने, ऐसा दृश्य हर किसी के जिंदगी में है आनी, हर किसी के दिमाग से बाते हैं फ़िसल जानी, मनोबल नहीं रहती अब पहले की तरह, दो–चार कदम चलने से लगा हूँ थकने, अब पहले की तरह नहीं होती मनमानी, हर इंसान की जिंदगी की यही है कहानी! अब तो आँखों से तस्वीर दिखने लगी है धुँधली, कानो से ऊँचा लगा हूँ सुनने, कुछ ही दिन की अब तो बची हैं साँसे,...
सौरभ सिंह कैसे जिए यहाँ पता नहीं कैसा आ गया है समय,डर लगता है...
( जैसा की मैंने जिक्र किया था कि मुझे चाय पर लिखना बेहद पसंद...
सरकार की तरफ से शिक्षा को लेकर करोड़ों का बजट पास होता है, शिक्षा...
It excites me every time whenever I hear about Sundarbans, as the name throws...
वायु प्रदूषण ये मुद्दा भी देश हर के मुद्दे की तरह ही है जिसपे...
The Delhi government will soon be launching a job portal to make job opportunities...
एक समय की बात है. एक राज्य में एक प्रतापी राजा राज करता था....
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकलेबहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर...