ग्रेटर नोएडा, पीएम मोदी ने वर्चुअल मीटिंग के जरिए स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन 2023 में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम ने ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों से बातचीतकी।केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मीटिंग का संचालन किया। उन्होंने बताया कि 2017 से स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन कि परिकल्पना हुई। देश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय सरकार लगातार देश के युवाओं के साथ मिलकर काम कर रही है। स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन के सातवें एडीसन में 2 लाख 67 हज़ार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। जहां 2017 में 7531 टीमों ने हिस्सा लिया था। वहीं इस सातवें एडीसन में 44617 टीमों ने हिस्सा लिया। स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन का उद्देश्य है कि देश को अगले 25 सालों में यानि 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित बनाना है। पीएम मोदी ने मीटिंग के दौरान बताया की स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला सबसे बड़ा ओपन इनोवैशन मॉडल बन कर उभरा है। जहाँ एक ही प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में इंडस्ट्री, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, गवर्नमेंट एजेन्सीज, प्रोफेससनल्स और स्टूडेंट्स एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पीएम ने सबसे पहले नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर (कर्नाटक) के स्टूडेंट्स से बात की। पीएम में बताया कि स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन में मेहनत स्टूडेंट्स करते हैं लेकिन सीखने का अवसर उन्हें भी मिलता है। बंगलादेश के एक स्टूडेंट ने पीएम से बातचीत के दौरान बताया की भारत का रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है और भारत का 70 से 80 फीसदी कोयले का संचार रेलवे से होता है। कोयले के कम और ज्यादा लोडिंग के कारण सरकार को अक्सर नुकसान सहना पड़ता है। जिसके लिए इन्होंने एआई और 3डी स्कैनइंग की मदद ली है। जिससे कोयले के वजन का पता चल सके। पीएम ने अगली बात गुजरात टेकनॉलॉजिकल यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद के स्टूडेंट्स से की जो कि एक इसरो पर आधारित टेकनॉलॉजी पर काम कर रही है। जिससे हम चंद्रमा कि सतह का एक हाई क्वालिटी फोटो से पता लगा सकेंगे कि कहाँ हमें लैंड करना है। इससे इसरो को भी काफी मदद मिलेगी। इसी दौरान पीएम ने बातचीत में बताया कि चंद्रयान 3 के बाद भारत को आज विश्व में लोग सफल नजरिए से देखते हैं और दुनिया में ये भाव सशक्त हुआ है कि भारत कुछ भी कर सकता है। पीएम ने अगली बात वीर सुरेन्द्र साईं यूनिवर्सिटी, संभालपुर के स्टूडेंट्स से की। स्टूडेंट्स ने बताया कि इन्होनें बच्चों के मेंटल हेल्थ पर ध्यान दिया है। जिससे बच्चों का मेंटल हेल्थ ट्रैक किया जाएगा। अलग अलग रेटिंग दी जाएगी। और उस हिसाब से उनका सही ट्रीटमेंट किया जा सकेगा। इससे पेरेंट्स और डॉक्टरस को बड़ी मदद मिलेगी। जिससे पीड़ित बच्चों को सही समय पर सही इलाज मिल सकेगा। पीएम कि अगली बात असम रॉयल यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी के स्टूडेंट्स से हुई। ये टीम दक्षिण भारत से गुवाहाटी पहुंची थी। इस टीम ने एआई बेस्ड जेनरेटिव पावर प्लांट के उपर काम किया है। जिससे भारत को अतमनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। जिससे हम जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भर रहेंगे। पीएम ने बताया कि ये विचार विकसित भारत के लिए बहुत जरूरी है। इसके बाद पीएम कि अगली और इस मीटिंग कि आखरी बात नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेकनॉलॉजी में स्टूडेंट्स से हुई। बैंगलोर से आए स्टूडेंट्स ने धोखा धड़ी और साइबर क्राइम से संबंधित बात की। स्टूडेंट्स ने एआई कि मदद से बेईमानी और धोखा धड़ी को ले के रास्ता ढूंढ़ा है। इसे पीएम ने चोर सिपाही के बीच लड़ाई बताया। पीएम ने ये भी बताया कि नई टेकनॉलॉजी के गलत इस्तेमाल से बड़ी समस्याएं हो सकती है। पीएम ने एआई से बने डीप फेक विडिओ का उदाहरण दिया। आखिर में पीएम ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी और पीएम के द्वारा इस वर्चुअल मीटिंग के जरिए बताया गया कि भारत युवाओं का देश है और अगर युवा बढ़ चढ़कर काम करेंगे तो देश आगे बढ़ेगा
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