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दिल्ली में 2025 की पहली तिमाही में सकड़ों पर घटित होने वाले अपराधों में कमी आई है।

मोज़क्किर मोख़्तार

राजधानी दिल्ली में 2025 की पहली तिमाही के दौरान आपराधिक मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई। पुलिस आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सड़क-अपराध और महिलाओं के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों में पिछले दो वर्षों की तुलना में इस बार काफी कमी आई है। ये आंकड़ें बताते हैं कि राजधानी में कानून-व्यवस्था को लेकर की गई सख्ती अब रंग ला रही है।

सड़क अपराधों की बात करें तो छीना-झपटी (स्नैचिंग) के मामलों में गिरावट देखने को मिली है। साल 2023 में ऐसे मामलों की संख्या 1,812 थी, जो 2024 में बढ़कर 1,925 हो गई थी। हालांकि 2025 की पहली तिमाही में यह संख्या घटकर 1,199 रह गई। यह 2023 की तुलना में 33.82 प्रतिशत और 2024 की तुलना में 37.69 प्रतिशत की भारी गिरावट है।

डकैती के मामलों में भी सकारात्मक रुझान सामने आए हैं। 2023 में जहां 375 डकैती की घटनाएं हुई थीं, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 424 हो गई थी। लेकिन 2025 की पहली तिमाही में डकैती के केवल 315 मामले सामने आए, जो कि 2023 की तुलना में 16 प्रतिशत और 2024 की तुलना में 25.7 प्रतिशत की गिरावट दर्शाते हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़ों में भी सुधार देखने को मिला है। 2023 में जहां बलात्कार के 422 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 370 पर आ गई। इसी तरह अपहरण के मामलों में भी थोड़ी कमी आई है। 2024 की इसी अवधि में 1,393 अपहरण के मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2025 में यह संख्या घटकर 1,360 रह गई।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “पिछले दो वर्षों में मामलों में लगभग 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि यह संख्या अभी भी चिंता का विषय है, लेकिन इसमें कमी आना निश्चित रूप से हमारी सुरक्षा रणनीतियों की सफलता को दर्शाता है।

“उन्होंने आगे बताया कि इस सकारात्मक बदलाव के पीछे कई ठोस उपायों का योगदान है, जैसे शहर भर में पुलिस गश्त को बढ़ाना, रात में निगरानी तंत्र को मजबूत करना और संवेदनशील इलाकों में विशेष अभियान चलाना। इसके अलावा, महिला सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता और सख्त कानूनी कार्रवाई ने भी अपराधियों में डर पैदा किया है।

हालांकि पुलिस और प्रशासन की इन कोशिशों से राहत मिली है, फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि स्थायी समाधान के लिए केवल निगरानी और कानून-व्यवस्था ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता, न्याय प्रणाली की तेज़ी और पीड़ितों के लिए समुचित सहायता प्रणाली भी बेहद ज़रूरी है।

दिल्ली में 2025 की शुरुआत एक सकारात्मक संकेत के साथ हुई है। लेकिन यह भी सच है कि अपराधों में पूरी तरह से कमी लाने के लिए सतत प्रयास और जनता की भागीदारी ज़रूरी है। अपराधों के आंकड़े भले ही घटे हों, लेकिन जब तक हर नागरिक सुरक्षित महसूस न करे, तब तक यह लड़ाई अधूरी है।

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Mozakkir Mokhtar

I’m a Journalism and Mass Communication student at Galgotias University, passionate about using digital tools to inform, engage and empower audiences. My skill set blends news writing and content creation with a strong focus on factual accuracy and clarity. I have experience in navigating digital and social media platforms to craft stories that resonate with people and drive engagement. With a keen eye for fact-checking and a deep understanding of content dynamics, I aim to contribute to credible and creative journalism in today’s fast-paced media environment.
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