अनुष्का बुटोला
बीएजेएमसी-सेमिटर प्रथम
गलगोटिया विश्वविद्यालय

जनपद गौतमबुद्ध नगर दनकौर में 50 साल पुराना सरकारी अस्पताल मौजूद है। मौजूदा डॉ. हरिओम से बातचीत से पता चला है कि दनकौर में यह एकमात्र सरकारी अस्पताल है। जहां स्थानीय लोगों का ईलाज किया जाता है परंतु गंभीर केसों के मरीजों को पास के कांशीराम अस्पताल में भेज दिया जाता है। आगे डॉ. ने बताया कि हमारे अस्पताल में प्रति दिन 10 से 15 कुत्तों के काटने वाले मरीज आते हैं। इस मरीजों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं। डॉ. हरिओम द्वारा लोगों को एंटीरेबीज वैक्सीन लगाने का काम किया जाता है।

कुत्तों के काटने वाले मरीज से बात की तो पता चला कि यहां आवारा कुत्तों की संख्या बहुत है। स्थानीय लोगों द्वारा इसके खिलाफ नगर पंचायत में कई बार शिकायत भी दर्ज करवाई, परंतु इस पर कोई कार्यवाही नहीं देखने को मिली।
डॉ. हरिओम ने कुत्तों के काटने के बाद उठाए जाने वाले कदमों के बारे में विस्तार से बताया कि चोट मुख्य तीन प्रकार से होती है मामूली खरोंच, गहरी चोट। गहरी चोट में कुत्तों के काटने के मामलों के लिए टीकाकरण जरूरी होती है। डॉ. ने बताया कि एक बार किसी व्यक्ति को रेबीज हो जाए तो उसे बचाना बहुत कठिन हो जाता है। इससे जान का खतरा बना रहता है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि नगर पंचायत इस गंभीर मामलें को संज्ञान में लेते हुए उचित कार्यवाही करें ताकि हम लोगों को इन आवारा कुत्तों से राहत मिल सके।