Shubham Kumar

ये एक काल्पनिक कहानी है, जो कि तीन दोस्तों पर आधारीत है। इस कहानी की शूरूआत
कुछ यूँ होती है, जहाँ इस कहानी के लेखक चेतन भगत को एक मेल आता है। जिसमें
कहानी के एक मुल किरदार द्वारा उन्हे अस्तपताल में बुलाया जाता है। कहानी की ऐसी
शूरूआत पाठको को काफी आकर्षित करती है। कहानी कुछ यूँ आगे बढ़ती है की मानो कि ये
एक काल्पनिक कहानी ना होकर किसी के जीवन की सच्चाई हो। तीन दोस्तों के बीच दोस्ती
इतनी गहरी हो जाती है के वो साथ में ही कारोवार शूरू कर देते है। कारोबार काफी अच्छा
चल रहा होता है दुकान मे बढ़ोत्री होती है। मगर गुजरात मेँ आया एक भूकंप सब कुछ
बरबाद कर देता है। और वो तीनो अर्श से फर्श पर आ जाते है।
इस किताब मे मुल किरदार के जिंदगी के तीन गलतियोँ को बड़े ही रोमांचीत तरीके से
दर्शाया गया है, जैसे हर एक गलती अपने आप में एक कहानी हो। इस कहानी में तीन
दोस्तों के बीच गहरी दोस्ती को दर्शाया गया है। तो वहीं दूसरी तरफ किसी एक किरदार के
तीन गलतीयों के बजह से आए उथल पूथल से भी पाठको को एक सीख देने की कोशिश की
गई है। कहानी में पात्रो का चयन बहुत ही भिन्न तरीके से किया गया है। जहाँ इशान को
क्रिकेट में खासा रुची होती है, तो वहीं ओमी एक पंडित का बेटा रहता है और गोविंद जिसे
पढ़ने लिखने में एक खासा दिल्चस्पी होती मगर आर्थीक स्थिती से तंग बहुत बेहाल रहता है।
कहानी आगे बढ़ती है और इलके जीवन में फिर एक दिन अली की एंटरी होती है औऱ
कहानी एक अलग मोड़ ले लेती है।
इस कहानी में जहाँ एक तरफ गुजरात के गोधरा कांड जैसे एक वाख्या को दर्शाया गया है, तो
वहीं दूसरी तरफ धर्म से उपर उठ कर इंसानीयत को महत्तव दिया गया है। और साथ ही
साथ किसी एक के निजी स्वार्थ के कारण किसी अपने को खोने का दर्द भी महसूस कराया
गया है।
इस कहानी में बताया गया है की जीवन एक संयोग है। जीवन के किसी मोड़ पर कब कौन
हमें यूँ मिल जाए इसकी तो कल्पणा भी नही की जा सकती। और कैसे किसी एक क्षण में
कोई हमारे जीवन का मुल हमें बता दे, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। कहानी
का अंत कुछ इस प्रकार होता है, जहाँ एक किरदार को अपने जीवन भर में की गई सबसे
बड़ी तीन गलतीयों का एहसास होता है। तो वहीं दूसरी तरफ जीवन में अटुट संकल्प और
साहस से कोई भी चीज़ किए जाने की प्रेरणा दी जाती है।
*Student (B. A. Journalism & Mass Communication)