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Aniket Chauhan*

कई लोग हैं जिनके लिए यह मेट्रो में बजाने वाला वाक्य एक रोमांच पैदा कर देता है। मंडी हाउस, दिल्ली का एक ऐसा कोना, जहां पर कई बड़े कोठी, बंगले सरकारी आवास वगैरह हैं। लेकिन मंडी हाउस की पहचान केवल ये नहीं है। इन सबसे ज्यादा मंडी हाउस जिस चीज के लिए जाना जाता है, वो है थिएटर….रंगमंच।

सदियों से रंगमंच केवल मनोरंजन का ही नहीं बल्कि सामाजिक संदेश देने का और समाज को आईना दिखाने का भी एक बहुत महत्वपूर्ण साधन रहा है।

कालांतर में इसमें कई बदलाव आए, विकास हुआ, नई तकनीक इज़ाद हुई, देश विदेश से परस्पर विचारों का तथा प्रणाली का विनिमय हुआ और यह प्रक्रिया आज भी जारी है। वर्तमान समय में मंडी हाउस थिएटर प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। चाहे राष्ट्रीय विद्यालय का कैंपस हो या एसआरसी या कामानी ऑडिटोरियम रंगकर्मी व रंगमंच प्रेमी आपको यहां नाटक देखते या नाटक खेलने या नाटक पर चर्चा करते हुए दिख जाएंगे।

मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन की गेट नंबर चार या एक से निकलते ही आपको महसूस हो जाता है कि यहां के वातावरण में एक रंग है, एक शांति है, कुछ खुशनुमा सा हो रहा है। और यहां आपको देखने को मिलते हैं कई सारे कलाकार कुछ उभरते हुए कुछ रंग मंच के महारथी भी।  उनको देखने के लिए कई लोग जिनमें से कुछ के लिए यह पहला मौका होता है रंगमंच देखने का तो कुछ लोग नियमित रूप से यहां आते हैं।

कहीं धर्मवीर भारती जी का कालजई नाटक अंधा युग खेला जा रहा है तो कहीं कुछ नवोदित कलाकार अपनी स्वलिखित नाटक की तैयारी कर रहे हैं।

यहां कुछ लोगों से वह कलाकारों से बात करने पर पता चला कि कैसे थिएटर के मनी उन सबके लिए अलग-अलग है

कैसे इन सब के थिएटर देखने की वजह अलग-अलग है कैसे उनके जीवन पर प्रभाव अलग-अलग है।

22 वर्षीय छात्र मेध्या बताती हैं की कलात्मक चीजों के प्रति उनकी रुचि ने उन्हें थिएटर तक खींच लाई और जब उन्होंने रंगमंच देखने का अनुभव किया तो यह उनके लिए बिल्कुल मंत्रमुग्ध कर देने जैसा था।

 वह कहती हैं कि रंगमंच में और कलाकारों में क्षमता होती है आपको एक दूसरी दुनिया में ले जाने की, मानव भवना का ऐसी कोई पहलू नहीं है जिसको रंगमंच दिखाता ना हो.

उनका मानना है कि ऐसे कलाकारों के व्यक्तित्व में बहुत गहराई होती है, जो आम लोगों में दिखाई नहीं देती। वो न सिर्फ अपने व्यक्तित्व को गहरे से समझते हैं, बल्कि दूसरों के व्यक्तित्व को भी अच्छे से समझ कर उन्हें ओढ़ लेने में माहिर होते हैं।

27 वर्षीय मयंक, जो कि काफी सालों से रंगमंच से जुड़े हुए हैं व एक मंझे हुए कलाकार हैं, उनसे हमें रंगमंच के बारे में काफी कुछ जानकारी मिली ।

उन्होंने बताया की शुरुआत में जब उनकी अभिनय में दिलचस्पी हुई थी, तब वह रंगमंच से जुड़ना चाहते थे, ताकि वह अभिनय सीख कर हिंदी सिनेमा में कम कर सकें।

 लेकिन जब उन्होंने रंग मंच में काम करना शुरू किया तब उन्होंने पाया कि यह अपने आप में ही एक बड़ी सी दुनिया है। यह सिर्फ अभिनय नहीं सिखाती,यह सिखाती है समाज को समझना, लोगों को समझना। रंगमंच आपको एक बहुत बेहतर मनुष्य बनाता है। वह कहते हैं कि हर व्यक्ति को जीवन में एक बार रंगमंच में काम जरूर करना चाहिए

श्रीराम सेंटर ऑडिटोरियम के बाहर खड़े कुछ लोगों से बात की तो मालूम चला कि वे यहां पर अपने आने वाले प्ले के प्रचार के लिए खड़े है।                                          

 हमने उनसे पूछा कि क्या मुश्किलें आती हैं तो उन्होंने बताया कि, थिएटर के प्रति सजगता बहुत लोगों में बढ़ चुकी है, खासकर अभी के समय में। क्योंकि काफी कलाकार है जो रंगमंच से उठकर बॉलीवुड में गए हैं, लेकिन अभी भी जो दर्शक वर्ग है वह काफी छोटा है और अभी भी दर्शकों को अपन अपना नाटक देखने के लिए मनाने में काफी दिक्कत आती है।

उन्होंने बताया कि यदि आप किसी बड़े रंगमंच समूह से नहीं जुड़े हैं या फिर आपके नाटक में कोई बहुत बड़ा कलाकार नहीं आ रहा है तो दर्शक वर्ग का समूह काफी छोटा हो सकता है और ऐसी स्थिति में दर्शकों को खींच के लाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और काफी ज्यादा दबाव होता है उनको प्रभावित करने का । अगर इसमें चूक हुई तो दर्शक इस पहली बार में ही उनसे उब जाएंगे और यह एक बहुत नकारात्मक प्रभाव डालेगा।

कुछ वरिष्ठ कलाकारों ने बताया की थिएटर करने से आपको आंतरिक सुख मिल सकता है लेकिन इसमें पैसे नहीं है।तो आप अपनी कमाई के लिए इस पर निर्भर नहीं हो सकते।हां यदि आपको रंगमंच से प्रेम है तो ये पैसों के अलावा आपको बहुत कुछ देगा जिसमें आत्मिक संतुष्टि प्रमुख है ।

रंगमंच एक दुनिया है, एक सफर है

यह सफर है कई लोगों के दर्शक से अभिनेता बनने का, कई लोगों के एक बेहतर मनुष्य बनने का।

शूद्रक के मृछकटिक, भास के उरुभंग से मोहन राकेश व गिरीश कर्नाड कालजई नाटकों से होते हुए, शेक्सपियर के हैमलेट, पीयूष मिश्रा व मानव कौल के नाटकों  तक की यह दुनिया है।

आपको काफी कुछ दिखाता,  आपको काफी कुछ सिखाता, आपको बहुत कुछ अनुभव कराता, आपको बदलता, एक नया इंसान बनाता, खुद से व दूसरों से परिचय कराता रंगमंच। आपके जीवन में रंग भरता रंगमंच, आपको अलग-अलग रंगों से मिलवाता रंगमंच।

*Student, M A, Journalism and Mass Communication

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