गलगोटिया विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ‘अनहद’ 2.0 में देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी 80 से ज्यादा फिल्मों के साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से भाग लिया। फिल्मोत्सव में कलाकारों ने अभिनय, कैमरा तकनीक और निर्देशन सहित विभिन्न फिल्मी विधाओं में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर माय नेम इज विकी (श्रीनिवास यूनिवर्सिटी), स्टोरी ऑफ ए लेबर (गुलशन कुमार फिल्म्स एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) और प्रयासना (गलगोटिया विश्वविद्यालय) को क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। इसके साथ ही च्वाइस (एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली), फाइंडिंग माईसेल्फ (रॉयल थिम्पू कॉलेज), द पुअर एडिसन (क्रिस्तु जयंती ऑटोनॉमस कॉलेज, बैंगलोर) जैसी फिल्मों को सर्वश्रेष्ठ संपादन, सर्वश्रेष्ठ कहानी और सर्वश्रेष्ठ छायांकन के लिए पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम का शुभांरभ अतिथियों द्वारा दीपप्रज्वलन तथा छात्राओं द्वारा गणेश वंदना के साथ शुरु हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षा कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. मल्लिकार्जुन बाबू ने अपना अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की शुरूआत ही अनहद है तो जाहिर सी बात है कार्यक्रम और खूबसूरत होगा। इसके बाद जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ए राम पांडेय ने अपना उद्बोधन देते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, शिक्षकों, सभी फिल्म मेकर और तमाम छात्र छात्राओं का स्वागत और उत्साहवर्धन किया और बताया कि यह अनहद फिल्म फेस्टिवल का दूसरा सीजन है और इस कार्यक्रम ने बहुत अच्छा मुकाम हासिल किया है और बताया कि इस फेस्टिवल में कई राज्यों से लोगों ने प्रतिभाग किया है और यह खुशी की बात है कि इस कार्यक्रम ने कम समय में ही बड़ा स्थान हासिल किया है।
मुख्य अतिथि के तौर पर जाने माने पत्रकार और निर्देशक कमलेश कुमार मिश्रा जी ने अपने शुरुआती जीवन के तमाम कहानियों को बताते हुए छात्र-छात्राओं से बातचीत की और बताया कि कैसे उन्होंने एक सिविल सर्विस से पत्रकार और निर्देशक तक का सफर तय किया। उन्होंने तकनीकी के बदलाव पर भी बात की और छात्रों को जो फिल्म फेस्टिवल में बतौर निर्देशक, राइटर से लेकर सभी लोगों का उत्साह वर्धन किया और कहा कि जो दिल करे उसको करने में पीछे नहीं हटना चाहिए बस जज्बां बरकरार रहना चाहिए।
इसके साथ ही श्री दुर्गेश पाठक, फिल्म निर्माता ने भी बच्चों को फिल्म बनाने और उनकी रचनात्मकता का उपयोग करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया और प्रतिभागियों को पटकथा लेखन की बारीकियों से रूबरू कराया। उन्होंने प्रतिभागियों को भारतीय संस्कृति के साथ-साथ भारतीय विचारधारा को महत्त्व देने की बात कही और उन्होंने विभिन्न विचारधाराओं के आधार पर फिल्म देखने की प्रवृति विकसित करने की सलाह दी ताकि फिल्म निर्माण के क्षेत्र में एक अलग दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. अवधेश कुमार ने अपने व्याख्यान में पत्रकारिता और जनसंचार के छात्रों के जीवन में सॉफ्ट स्किल्स के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में बोलते हुए प्रो. रेणु लूथरा, कुलाधिपति सलाहकार ने फिल्में देखने के अपने अनुभवों को साझा किए और छात्रों को अधिक फिल्में और वृत्तचित्र बनाने के लिए प्रेरित किया।
समापन समारोह में, सुश्री विंकी सिंह, स्वतंत्र फिल्म निर्माता और आलोचक ने अपनी उपस्थिति से शोभा बढ़ाई और प्रतिभागियों द्वारा ऐसी अद्भुत लघु फिल्में और वृत्तचित्र बनाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने इस तरह के एक विशाल फिल्म समारोह के आयोजन और छात्रों को अपनी रचनात्मकता दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए जनसंचार विभाग को भी बधाई दी।
अतः में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) ए. राम पांडेय ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज को शिक्षित करने वाली फिल्मों से युवा रचनाकारों को रूबरू कराना था। ताकि भविष्य में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भविष्य को वर्त्मान से जोड़ कर समाज को जागरूक और शिक्षित कर सके। उन्होंने कहा कि फिल्मोत्सव के तीसरे संस्करण को और भी भव्य और रचनात्मक बनाने का प्रयास किया जाएगा।
अनहद 2.0 फिल्म फेस्टिवल में विभाग के छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। फिल्म फेस्टिवल के सफल आयोजन में संयोजिका सुरुचि अग्रवाल, प्रो. (डॉ.) ताशा सिंह परिहार, डॉ. भवानी शंकर, डॉ. गजेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. कुमारी पल्लवी, अपूर्वा शुक्ला, महक पंडित, वरूण कुमार, शेखर सुमन सिन्हा, महीप कुमार सिंह, मनोरंजन कुमार, राहुल झां के साथ-साथ जनसंचार विभाग के सभी छात्रों ने अहम भूमिका निभाई।





